महेश मिश्रा, पत्रकार
मधुपुर में गर्मी बढ़ने के साथ ही सियासी तापमान चरम पर है। मधुपुर उपचुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर है। इस चुनाव में दूसरे दल के लोग मूक दर्शक बनकर रह गए हैं। वर्षों बाद इस वर्ष जेएमएम कांग्रेस और राजद का मजबूत गठबंधन दिख रहा है। यूं तो गत सांसद चुनाव में भी महागठबंधन हुआ था लेकिन जेएमएम, कांग्रेस और राजद की गांठ कमजोर थी। लेकिन इस उपचुनाव को लेकर गठबंधन वास्तविक और मजबूत है। गत रविवार को आमबागान पथरचपटी में हुए महागठबंधन के कार्यकर्ता सम्मेलन ने यह साबित कर दिया है कि महागठबंधन प्रत्याशी हफीजुउल हसन को रिकॉर्ड मतों से जिताने का बीड़ा महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्साह के साथ उठा लिया है। महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर जनता को यह बता रहे हैं कि यदि महागठबंधन का प्रत्याशी हफीजुल हसन को विधायक चुनते हैं तो वह सूबे के मंत्री के रूप में मधुपुर के समुचित विकास के लिए हर कोशिश करेंगे। मधुपुर को जिला बनाने की मांग भी पूरी हो सकती है जबकि दूसरे लोग विपक्ष के विधायक बनकर रह जाएंगे।
1995, 2000, 2009 और 2019 में मधुपुर विधानसभा से चुनाव जीतकर 4 बार मंत्री रह चुके जेएमएम के वरिष्ठ नेता हाजी हुसैन अंसारी का मधुपुर में मजबूत जनाधार रहा है। मुस्लिम और आदिवासी वोट के साथ विभिन्न समुदाय से उनका गहरा जुड़ाव था। झारखंड में जेएमएम से अल्पसंख्यकों को जोड़ने में हाजी हुसैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके साथ साये के तरह रहने वाले उनके बड़े बेटे हफीजुल हसन अंसारी बूथ मैनेजमेंट, जनसमस्या समाधान, सांगठनिक मजबूती से लेकर रैलियों के आयोजन का दायित्व निभाते रहे हैं। मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के असामयिक निधन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हफीजुल हसन को कैबिनेट मंत्री बनाकर एनडीए के खेमे में खलबली मचा दी है। एनडीए चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पूर्व मंत्री राज पलिवार को दरकिनार कर आजसू के गंगा नारायण राय को भाजपा में शामिल कराकर चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है। पूर्व मंत्री राज परिवार को पार्टी से दरकिनार किए जाने की कवायद देखकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता काफी नाराज हैं। आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी का बड़ा खेमा टूट से इनकार नहीं किया जा सकता।