…और जब होली मिलन समारोह में पहुंचे थे हाजी साहब !

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अरूण कुमार निर्झर , पत्रकार

शहर की गंगा-जमनी तहजीब को परवान चढ़ाने में शहर के प्रबुद्ध लोगों,हौसलामंद युवाओं,स्वयं सेवी संस्थाओं व स्थानीय नेताओं की भूमिका सदैव प्रेरणा दायक रही है।जिसका सु-परिणाम है कि देश और दुनिया भर को झुलसाती रहनेवाली साम्प्रदायिकता हमारे शहर की सीमा तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ जाती है।
वर्ष 1997 में स्वयं सेवी संस्था फूलीन द्वारा मधुपुर प्रखंड के दलहा में आयोजित होली मिलन समारोह की यह तश्वीर कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रही है।जिसमें पहली बार विधायक बने हरदिल-अजीज नेता हाजी हुसैन अंसारी अपने युवा तेवर के साथ शामिल थे। अरुण कुमार निर्झर बताते हैं कि पहली बार 1995 में हाजी साहब मधुपुर से  MLA का चुनाव जीते थे. मैं इस कार्य-क्रम का मंच संचालक था।शहर और शहरियों के हक़ में यह विरासत निर्बाध आगे बढ़ती रहनी चाहिए

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